Saturday, 31 March 2012

ऐ यार तेरे बिना जिंदगी क्या हो गयी.................

ऐ यार तेरे बिना जिंदगी क्या हो गयी
तू मुझसे दूर तो क्या गया
मेरी हर खुसी अधूरी हो गयी
महफ़िलो में रहेता है तू और
मेरी महफिले तनहा हो गयी!

हाथ पकड़ कर चलने का वादा इया था तुने
साथ रहेने की कसमे खायी थी
फिर क्यों तोड़ दिए वो वादे
और तेरी कसमे क्या हो गयी
ऐ यार तेरे बिना जिंदगी क्या हो गयी!

ये आनधीया मेरी आँखों को चीरती है
ये सूरज मुझे जलाता है
अब तो ये अँधेरा भी जलाता है मुझे
क्यों मेरी चांदनी मुझसे दूर हो गयी
ऐ यार तेरे बिना जिंदगी क्या हो गयी!

मेरी हालत पर लोग हस्ते है
हर किसी की नजरे घूरती है मुझे
दुनिया को ठोकरों में रखते थे हम
आज हमारी जिंदगी उनकी ठोकरों में हो गयी
ऐ यार तेरे बिना जिंदगी क्या हो गयी!

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